EIFIL टावर फ्रांस की राजधानी परीस में स्थित है इसका निर्माण 1887 से 1889 में संप दे मास में सिम नदी के तड़पर परिस में हुआ था
इस टावर कि रचना गुस्ताव एफिल द्वारा हुई थी और अनहिके नाम पर इस टावर का नाम आईफील टावर रखा गया
गुस्ताव एफिल
आइफील टावर की रचना 1889 के ग्लोबल फर के लिए किया गया था जब EIFFIL. टावर का निर्माण हुआ उस वक्त ये दुनिया की सबसे ऊंची इमारत थी आज की तारीख में टावर की उंचाई 324। मीटर है जो कि एक 81 मंजिला इमारत जीतनी है
बगैर एंटीना के ये टावर फ्रांस के मिलोव वायडप्ट बीज के बाद दुनिया की दूसरी सब से ऊंची इमारत है
ये 3 मंजिला इमारत tourist के लिए 365 दिनों तक खुला रहता है । ये टावर tourist द्वारा टीकट खरीद कर देेखा जाने वाली इमारत में सबसे पहले आता है
सन 1889 में फ्रांसी क्रांति के महोत्सव के अवसर के लिए बनाया गया था इस महोत्सव में प्रवेश द्वार के रूप में फ्रांस ने ये टावर को बनाने की सोची। सरकार। ने टावर के लिए 3 मुख्य सरते थी ।।
✓[1] टावर की उचाई 300मीटर। होनी चाहिए
✓[2] टावर लोहे का होना चाहिए
✓[3] टावर के चारो मुख्य स्तंभों के बीच की दूरी 125 मीटर होनी चाहिए
सरकार के द्वारा गोसित कि गए तीनो सर्ते पूरी की गए हो एसी 107 योजना ओ मेंसे गुस्ताव ऐफिल कि योजना को मंजूर किया गया जिसमें
(1) मॉरिस केवोइच लीन
और
(2) अमिल निगीयर
इस योजना के संग रचनात्मक इंजीनियर थे और स्टीफन सोवेट्री इसके वस्तु काल थे लगभग 300 मजदूर ने मिलकर
EIFFIL TOWER को 2 साल 2 महीने
5 दिन में तैयार किया ।।
2015 के सर्वे के अनुसार EIFFIL TOWER को दुुनिया में सबसे ज्यादा लोग दखने के लिए आते है । हर साल 7milion लोग आते
है
पुराने रिकॉर्ड books से पता चला है। की इस टावर को केवल 20सालो के ही बनाया गया था लेकिन इसका इस्तमाल वायरलेस टेलीग्राम कि तरह किया जाने लगा फ्रांस कार निर्माता सिंगो ने इसका उयोग 1925 से 1935 के बीच विशाल विगियापन। पथ के रूप में किया ।।
जैसे कि आप उपर के picture में देख सकते है को लाईट बल्ब का इस्तमाल करके इस टावर पे COMPANY का नाम प्रकाशित किया जाता था ।।
इस टावर में तकरीबन 18000 मेटैलिक टुकड़ों का इस्तमाल हुआ था। जिसे 2.5 milion रीबेडसे जोडा गया था और ये टावर 6 से 7CM हवा में जुलता है
0 Comments